Thursday 24 September 2015

जिद ही वो key है जिससे आप जो चाहें पा सकते हैं !

क्यों बातें आप के लिए कभी काम नहीं करती 

क्या आपने कभी भी अपने आप से इस तरह question पूछा है:  क्यों कुछ लोग successful हो जाते हैं पर मैं नहीं? कुछ लोगों को अपनी मंजिल मिल जाती है जबकि कुछ को नहीं?

मैं शर्त लगता हूँ कि आप उन सवालों को पहले अपने आप से पूछा  है । क्या आपने  कभी भी कोई काम start किया है लेकिन कुछ दिनों बाद लगा हो कि ये मुझसे नहीं होगा; ये मेरे लिए बहुत hard है ?

हो सकता है कि आपने सोचा हो कि मेरे में इस काम को करने के लिए आवश्यक abilities की कमी है। या हो सकता है आपने ज्यादातर लोगों की तरह उस काम को किया हो और अपनी ख़राब किस्मत, खराब financial condition और आप को प्रभावित करने वाले अन्य बाहरी स्थितियों के बारे में शिकायत शुरू कर दिया हो ।

ये सिर्फ प्रयासों का खेल है

सफल लोगों ने साबित किया है कि कोई भी कुछ भी पा सकता है, बशर्ते पर्याप्त
hard work किया जाय "लेकिन
कितना hard work काफी है?"

यहाँ एक example है। मान लीजिए कि स्केटिंग में skilled होने की एक निश्चित स्तर तक पहुँचने के लिए आपको एक सौ पचास बार गिरने की जरूरत है. suppose आपने  केवल एक सौ दस बार कोशिश किया. आप निश्चित रूप से कोशिश करना बंद कर देंगे और आप अपने को असफल मान कर बैठ जायेंगे क्योंकि आप  110 बार गिर चुके हैं,लेकिन अगर आपको ये पता हो कि आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से केवल 40 tries दूर थे - तो शायद आप नहीं रुकते.

बेशक, ये fixed नहीं है की आप किसी काम में कितनी कोशिशओं में सफल हो जायेंगे. ये आपके  skill पर depend करता है. उदाहरण के लिए यदि आप sports में बहुत कुशल थे तब अच्छा feet co-ordination और balance के साथ आप केवल बीस या तीस बार गिरने पर ही अच्छी तरह से स्केट करना सिख सकते हैं.

zero sports background  के साथ किसी को एक सौ से अधिक बार कोशिश करने के लिए आवश्यकता हो सकती है, जबकि एक औसत व्यक्ति को 70 किशिशों की आवश्यकता हो सकती है।  लेकिन अगर सब धैर्य रखें तो अंत में सब लोग स्केट कर पायेंगे.

क्या आपको इसपर विश्वास नहीं हो रहा ?

अगर ये convincing नहीं लगा तो आगे कुछ examples और पढ़िये :

बल्ब का अविष्कार करने से पहले थॉमस एडीसन 999 बार असफल रहे  उन्हें 1000 वें बार के प्रयास पर कामयाबी मिली ! जब उनसे पूछा गया कि वह उन सभी बार नाकाम रहने के बावजूद कोशिश जारी कैसे रख पाए तो उन्होंने कहा: "जब भी काम नहीं बनता था , तो मैं कभी नहीं कहता था कि मैं fail हो गया बल्कि ये सोचता था कि इसका एक और तरीका मिल गया कि किस तरह से bulb नहीं बनाया जा सकता  !

यह पहले माना जाता था कि एक आदमी कम से कम 4 मिनट में 8 KM  कभी नहीं दौड़ सकता. सालों तक ये विश्वास बना रहा और कोई भी कभी भी इसकी सत्यता पर संदेह करने की हिम्मत नहीं किया। ये belief कायम था जबतक कि  Roger Banister ने 4 मिनट से कम समय में 8 KM दौड़कर इसे गलत साबित नहीं किया. इसके बाद बस एक ही साल में 37 और बाद में सैकड़ों runners ने record तोड़ दिया।

यहाँ interesting बात ये है कि अगर उन runners में से किसी ने थोडा ज्यादा मेहनत किया होता तो शायद Banister से पहले हि उस विश्वास को तोड़ पाते पर उन्होंने कभी कोशिश ही नहीं की !

Some More Examples: हेनरी फोर्ड ने 6 बार अपना सब कुछ खो दिया, और हर बार वह वापस अपने पैसे इकट्ठा करने में कामयाब रहे।

Walt Disney के  "Mickey Mouse" कार्टून character बनाने के आईडिया को 5 बार reject किया  गया था! उसके बाद उनको कोई मिला जो इसे Support  किया और  "Mickey Mouse" introduce हुआ !

English उपन्यासकार John Creasey को  564 books publish  करने से पहले 753 बार rejection slip मिली थी .

आपको लगता है ये सभी exceptional case हैं ?
अगर आपको लगता है कि ये सिर्फ उन्ही लोगों के साथ हुआ तब आप पूरी तरह से गलत हैं ! क्योंकि ये आपके साथ भी हुआ है !

मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। जब आप बच्चे थे तो चलना सिखने के लिए कितनी बार गिरे ? खड़े होने के लिए कितनी बार अपने कोशिश किया पर फिर भी हो नहीं पाए !

जिस mentality से आप आज सोचते हैं अगर उसी तरह बच्चे होने पर सोचते तो क्या होता !? आप कहते कि अपने से खड़ा होके चलना कोई बच्चों का खेल नहीं है !! या आजकल बच्चे आसानी से नहीं चल पा रहे या फिर parents जरुरी support (may be Chocolate  ) नहीं दे रहा हैं, या दुसरे बच्चे मेरे को गिरते देख कर हसेंगे !

अजीब बात है लेकिन सच है, तो हम गहराई से इस स्थिति पर एक नजर डालते हैं। जब आप बच्चे थे तो क्यों हार नहीं  मानी ? क्यों आप प्रयत्न जारी रक्खे ? simply because आपको तब ये नहीं पता था कि हार कैसे माने या परिस्थितयों को दोष कैसे दें !

बच्चों के साथ बहुत हो गया, अब अपनी ही बात लीजिये !
आप जब गाडी चलाना सिख रहे थे तो कितनी बार आप पहला gear लगा के गाडी आगे नहीं बढ़ा पाए ? कितनी
बार आपकी गाडी suddenly बंद हो गयी ?

यह भी हम सभी के लिए हुआ है और आज आप कितनी आसानी से गाडी चला लेते हैं और उसी समय में पीछे बैठेने वाले से बात भी कर लेते हैं !

जवाब है कि आपने हर किसी को सफलतापूर्वक गाड़ी चलाते देखा और ये believe किया की गाडी चलाना कोई बड़ी बात नहीं है !

तो आपको पता चला कि आप सिख सकते हैं और तब तक कोशिश करते रहे जब तक कि road पर फर्राटेदार गाडी चलाने नहीं आ गया ! जबकि मज़ेदार बात तो ये है कि riding या driving  सीखना hardest कामो में से एक है !

क्या आपके notice किया किया एक ही समय में कितनी चीजे manage करनी पडती हैं , clutch, break, accelerator, gear, road पर breaker, overtake और गड्ढे भी (most time !!) फिर भी ये सब आप अब आसानी से कर लेते हैं !

जिद ही वो key है जिससे आप जो चाहें पा सकते हैं !

अब तक आप result पर पहुँच गये होंगे कि life  के rules में से एक यह है कि कुछ भी पाने के लिए आपको अपनी कोशिश करते रहना होगा जबतक की आप उसे पा नहीं लेते !

ऐसा नहीं है कि जो लोग life में कुछ अचीव नहीं कर पाए उनके पास संसाधनों की कमी थी बल्कि वो जल्द ही हार मान गये !

वे लोग उस किसान की तरह हैं जिसने बिज बोया, पानी दिया , इन्तेजार किया और करता रहा पर कुछ नहीं हुआ तो वह चला गया. कुछ घंटो बाद हरा पौधा निकला लेकिय अब कोई उसका देख भाल करने वाला नहीं था इसलिए मर गया !

"मैं यह नहीं कर सकता" ये सच्चाई नहीं बल्कि आपका निर्णय है !

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